पेरिस ओलंपिक में 7 अगस्त को जिस तरह से भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एक के बाद एक करके तीन मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी और भारत के लिए कम से कम सिल्वर मेडल पक्का किया था, ऐसा लग रहा था कि वह इस बार गोल्ड मेडल लेकर ही स्वदेश लौटेंगी। विनेश फोगाट के साथ-साथ करोड़ों भारतीयों का भी यह सपना चकनाचूर हो गया है। विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग में मंगलवार को अपने तीनों मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी।

इस दौरान विनेश ने टोक्यो ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट सुसाकी को भी हराया था, जिसने इस मुकाबले से पहले अपने करियर में एक भी मैच और एक भी प्वॉइंट नहीं गंवाया था। बुधवार की सुबह खबर आई कि विनेश फोगाट को डिस्क्वॉलिफाई कर दिया गया है। इसका मतलब वह फाइनल मुकाबले में खेलने के लिए अयोग्य घोषित कर दी गई हैं। विनेश फोगाट का वजन निश्चित वजन से 100 ग्राम ज्यादा आया और इस वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

कुश्ती में क्या है नियम?
वजन करने को लेकर नियम के मुताबिक जिस दिन भी पहलवान को मुकाबला लड़ना होता है, उस दिन उसका वजन लिया जाता है। हर वजन वर्ग के मुकाबले दो दिनों के अंदर होते हैं, ऐसे में जो पहलवान फाइनल या रेपचेज में पहुंचते हैं, उन्हें दोनों दिन वजन कराना होता है। पहली बार वजन कराते हुए पहलवान के पास 30 मिनट होते हैं, वजन कराने के। वो अपनी मर्जी से इस दौरान जितनी बार चाहें वजन करा सकते हैं। इस दौरान यह भी देखा जाता है कि पहलवान को कोई संक्रामक बीमारी तो नहीं है और उसके नाखून एकदम छोटे-छोटे कटे हों। जिन पहलवानों को लगातार दूसरे दिन मुकाबले में उतरना होता है, उन्हें वजन करने के लिए 15 मिनट मिलते हैं।युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्लयू) के नियम के मुताबिक अगर पहलवान का वजन निर्धारित वजन से ज्यादा आता है, तो ऐसे में उसे अयोग्य करार दिया जाएगा।