– मुंगावली
सरकारी जमीन भगवान भरोसे ,एक जमीन दो विभागों के नाम इसके बाबजूद अधिकारियों को नही कोई जानकारी लगातार हो रहा अतिक्रमण।
एंकर:- एक ओर जहां सीएम मोहन यादव एवं गुना सांसद व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के निर्देश दिये जा रहे हैं। साथ ही राजस्व विभाग द्वारा राजस्व महाअभियान चलाकर राजस्व का रिकॉर्ड दूरस्थ कराने का अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन आज हम आपको अशोकनगर जिले के मुंगावली के आदिम जाति व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का नकारापन व लापरवाही दिखाने जा रहें हैं । जिसमें करोड़ो की एक ही जमीन दो विभागों के नाम पर दर्ज नजर आ रही है। इसके बबाजूद भी यह अधिकारी इस जमीन को सुरक्षित नही रख पाए और आज इस पर जमीन पर लगातार न केवल अतिक्रमण हो रहा है बल्कि आज यह लावारिस है और दोनों ही विभाग के जिम्मेदारों को इसकी कोई जानकारी नही है।
दरसल देखा जाए तो अशोकनगर जिले के मुंगावली में मुख्य सड़क पर स्थिति कस्बारेंज सर्वे नम्बर 34 आदिमजाति विभाग के नाम वर्षो पहले से दर्ज है वहीं इसी बीच इसमे से पांच बीघा जमीन मुंगावली पट्टी सर्वे नम्बर 34 के नाम से लगभग 25 साल पहले पीडब्ल्यूडी को किसी अधिकारी ने एलॉट कर दी लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी को इसकी जानकारी नही थी और कुछ महीने पहले इस जमीन पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कब्जे के नाम पर सिर्फ एक बोर्ड गाड़ दिया है लेकिन आज तक इस जमीन के बारे में न तो पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कोई जानकारी नही है और न ही आदिमजाति के जिला संयोजक अदिति सिंह को इसकी जानकारी है और आदिमजाति के सम्बंधित शाखा के बाबू इस जमीन को आदिमजाति की बताते नजर आए लेकिन कोई भी अधिकारी कैमरे पर बोलने से बचते नजर आए।
इस पूरे मामले के बाद कहा जा सकता है कि एक जमीन दो विभागों के नाम आने के बाबजूद इस करोड़ो की जमीन पर दोनो ही विभागों पर के अधिकारियों की अनदेखी से कहा जा सकता की लगातार अधिकारियों के अनदेखी व मनमानी से करोड़ो की जमीन का बंदरबांट किया जा रहा है और इनके लिए मुख्यमंत्री मोहन यादब व केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्देश कोई मायने नही रखते